मलावी में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाने के विरोध में, लोगो ने गांधी को बताया जातिवादी एवं नस्लीय

मलावी के दूसरे सबसे बड़े शहर बलेंटायर में महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित करने की मलावी सरकार की अनुमति मिलने के बाद वहाँ के लोगो ने प्रतिमा लगाने का विरोध शुरू कर दिया। वहाँ के नागरिकों ने इसका विरोध करने के लिए एक ऑनलाइन पिटीशन दायर कर हैसटैग #GandhiMustFall के साथ प्रतिमा लगाने का कड़ा विरोध किया, वहाँ के नागरिकों का मानना है कि  बहुसंख्यक लोग गांधी को नहीं जानते है। इसके साथ ही मलावी के अधिकांश नागरिकों का मानना है कि गांधीजी ने उनके लिए नहीं बल्कि अपने नागरिकों के लिए ये सबकुछ किया, उनका मानना है अगर गांधीजी जातिवाद एवं नस्लीय विचारधारा के विरोधी होते तो अफ्रीकी तथा भारतीयों द्वारा काम के लिए एक ही दरवाजे से प्रवेश करने का समर्थन करते परंतु उन्होने ऐसा कभी नहीं किया जो उनकी नस्लीय छ्वी को दर्शाता है जिस कारण वे भारतीयों तथा अफ़्रीकियों के अलग अलग दरवाजे से प्रवेश का समर्थन करते थे। इससे पहले भी गांधीजी कि प्रतिमा को तोड़ने तथा उन पर पेंट डालकर महात्मा गांधी का अपमान किया था। जोहानिसबर्ग और क्वाजुलु नेटाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरो ने दावा किया था कि महात्मा गांधी नस्लीय विचारधारा के समर्थक थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ